Shukravar Vrat Katha
प्रारम्भ:- एक समय की बात है कि एक नगर मे कायस्थ, ब्राह्मण और वैश्य जाति के तीनो लड़को मे परस्पर मित्रता थी। उन तीनौ...
प्रारम्भ:- एक समय की बात है कि एक नगर मे कायस्थ, ब्राह्मण और वैश्य जाति के तीनो लड़को मे परस्पर मित्रता थी। उन तीनौ...
चन्द्रमा की प्रसन्नता, चन्द्रलोक की प्राप्ति तथा पापों के नाश हेतु धर्म शास्त्रों में “चन्द्रायण व्रत’ करने का विधान है। यह व्रत शरद पूर्णिमा...
मंदिर में या फिर घर/मंदिर पर जब भी कोई पूजन होती है, तो चरणामृत या पंचामृत दिया हैं। मगर हम में से ऐसे कई...
एक पुरुष का नया-नया विवाह हुआ। विवाह के दो दिनों बाद उसकी पत्नी मायके चली गई। कुछ दिनों के बाद वह पुरुष पत्नी को...
उज्जैन में भूखी माता नाम की इस देवी की कहानी सम्राट विक्रमादित्य के राजा बनने की किंवदंती से जुड़ी है। ऐसी मान्यता थी कि...
अम्बावती नगर में चारूदत्त नामक एक बराह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था।वह बहुत गरीब था।इसलिए भिक्शा माग कर अपनी गुजर बसर करता था।वह...
यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। इस पर्व का प्रमुख लक्ष्य भाई–बहन के पावन सम्बन्ध तथा प्रेम–भाव की स्थापना...
एक बार भगवान विष्णु जी शेषनाग पर बेठे बेठे बोर होगये, ओर उन्होने धरती पर घुमने का विचार मन मै किया, वेसे भी कई...
शीश गंग अर्धंग पार्वती नंदी भृंगी नृत्य करत है” शिव स्तुति में आये इस भृंगी नाम को आप सब ने जरुर ही सुना होगा।...
एक बार देवी पार्वती ने देवों के देव महादेव से पूछा, ऐसा क्यों है कि आप अजर हैं, अमर हैं लेकिन मुझे हर जन्म...