Diwali Ki Katha

Diwali Ki Katha

श्री राम के वनवास से अयोध्या लौटने की ख़ुशी में 

The Return of Shri Ram from Vanvaas to Ayodhya

यह वो कहानी और करण है जो लगभग सभी भारतीय को पता है कि हम दिवाली श्री राम जी के वनवास से लौटने की ख़ुशी में मनाते हैं। मंथरा के गलत विचारों से पीड़ित हो कर भरत की माता कैकई श्री राम को उनके पिता दशरथ से वनवास भेजने के लिए वचनवद्ध कर देते हैं।

ऐसे में श्री राम अपने पिता के आदेश को सम्मान मानते हुए माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल पड़ते हैं  और वे तीनो एक वन में रहने लगते है। वहीँ वन में रावण माता सीता को छल से अपहरण कर लेता है।

तब श्री राम सुग्रीव के वानर सेना और प्रभु हनुमान के साथ मिल कर रावण की सम्पूर्ण सेना को परास्त करते हैं और श्री राम रावण का वध करके सीता माता को छुड़ा लाते हैं। उस दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाता है और जब श्री राम अपने घर अयोध्या लौटते हैं तो पूरे राज्य के लोग उनके आने के ख़ुशी में रात्री के समय दीप जलाते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। तब से उस दिन का नाम दीपावली के नाम से जाना जाता है।

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