Tulsi Ekadashi Vrat Katha

Tulsi Ekadashi Vrat Katha

तुलसी एकादशी

कार्तिक कृष्ण एकादशी को ही तुलसी एकादशी कहते हैं। इस दिन तुलसी की पूजा की जाती है।

तुलसी नामक पौधो की महिमा वैद्यक ग्रंथों के साथसाथ धर्मशास्त्रों में भी वर्णित की गई है। शास्त्रों में तुलसी को विष्णुप्रिया भी माना गया है। तुलसी का पूजन करने के बाद तुलसी एकादशी की कथा सुने।

तुलसी विवाह

कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है।

किन्तु भारत को कतिपय प्रान्तों में तो इसका विशेष महत्व हैं तुलसी को विष्णुप्रिया भी कहते हैं।

तुलसी विवाह के लिए कार्तिक शुक्ल एकादशी की तिथि उत्तम है।

एकादशी से पूर्णिमा तक तुलसी पूजन करके पांचे दिन तुलसी का विवाह करते हैं भारतीय संस्कृति एंव धर्म में तुलसी के पौधो को गंगायमुना के समान पवित्र माना गया है।

किसी भी प्रकार के पूजन एवं नैवेद्य में तुलसीपत्र आवश्यक समझा जाता है। तुलसी के पौधे का स्नान के बाद प्रतिदिन जल सींचना स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम है। तुलसी के पौधे की उपस्थिति के कारण उसके आसपास की वायु शुद्ध हो जाती है।

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